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इस महाविद्यालय की स्थापना 11 नवम्बर 2011 मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिन के अवसर पर कर्मयोगी हाजी मुनीर खान व हाजी अनीर खान जी के अपम्य साहस एवं कठिन साधना के परिणाम स्वरूप पूर्वी उत्तर प्रदेश के निर्धन तथा साधनविहीन छात्रों के अभ्युदय के लिये कला एवं विज्ञान में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु की गयी। साथ ही साथ इस क्षेत्र को सजाने संवारने एवं सामाजिक सांस्कृतिक, वैज्ञानिक तथा राजनैतिक चेतना जागृत करने में यह महाविद्यालय अपना महत्वपूर्ण योगदान देना प्रारम्भ कर दिया।
आज मनुष्य अपने कर्तव्यों, मूल्यों, आदशों तथा परम्पराओं को छोड़कर आधुनिक सभ्यता के अनुसार खुद को बदलने का प्रयत्न कर रहा है, यह सही भी है क्योंकि विकास तभी होगा जब बदलाव होगा किन्तु यहाँ यह कहना गलत नहीं होगा कि अपनी परंपराओं में बदलाव तो सही है लेकिन उन्हें छोड़ना गलत है। आज समाज को एक ऐसी शिक्षा पद्धति की जरूरत है जो समाज को विकास के सर्वोच्च स्तर पर उसकी परंपरा और संस्कृति के साथ लेकर जाय, उसे भुलाकर नहीं। इसी उद्देश्य को नींव बनाकर जनपद-मऊ के ग्रामीण क्षेत्र ग्राम रोपनपुर-हिसामपुर-मऊ में सन् 2011 में महाविद्यालय की स्थापना हुई और आज महाविद्यालय उसी उद्देश्य को पूरा करता हुआ विकास के शिखर पर पहुंचते हुए लगभग विश्वविद्यालय का स्वरूप हांसिल कर चुका है।
महाविद्यालय आज के आधुनिक युग में भी भारतीय संस्कृति के आधार पर एक ऐसी शिक्षा पद्धति का संचालन विगत कई सत्रों से कर रहा है जिससे छात्र/छात्राओं को विज्ञान की शोध के साथ प्राचीन ग्रन्थों की जानकारी भी मिलती रहती है। Read More
प्रबन्धक नन्हीं चिंटीं जब दाना लेकर चलती है। चढती दिवारों पर सौ बार फिसलती है। मनका विश्वास रगो में साहस भरता है। चढ़कर गिरना गिरकर चढना न अरवरता है। मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती। कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।। - हरिवंश रायबच्चन
नन्हीं चिंटीं जब दाना लेकर चलती है। चढती दिवारों पर सौ बार फिसलती है।
मनका विश्वास रगो में साहस भरता है। चढ़कर गिरना गिरकर चढना न अरवरता है।
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती। कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।।
- हरिवंश रायबच्चन
प्राचार्य समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को सफल बनाता है। विद्यार्थी के लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, हारता वही है जो दिल से लड़ा नहीं होता। भूखा पेट, खाली जेब, सच्ची पढ़ाई ही विद्यार्थी को जीवन में सफल बनाती है। डॉ. गुलाब सिंह यादव
समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को सफल बनाता है।
विद्यार्थी के लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, हारता वही है जो दिल से लड़ा नहीं होता।
भूखा पेट, खाली जेब, सच्ची पढ़ाई ही विद्यार्थी को जीवन में सफल बनाती है।
डॉ. गुलाब सिंह यादव
प्रवक्ता संदेश
प्राचार्य समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को सफल बनाता है। विद्यार्थी के लिए कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता, हारता वही है जो दिल से लड़ा नहीं होता। भूखा पेट, खाली जेब, सच्ची पढ़ाई ही विद्यार्थी को जीवन में सफल बनाती है।
प्रवक्ता घड़ी का पेन्डूलम चलता दिन रात है, मगर पहुँचता कहीं नहीं है। लक्ष्य विहिन मानय भी करता है, सबकी तरह मगर पाता कुछ भी नहीं।।
प्रवक्ता ईश्वर वह अदृश्य शक्ति है जिसे हम आंखो से देख नहीं सकते, मगर वह इतना शक्ति सम्पन्न है कि उसकी आदेश के बिना, सृष्टि का एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
प्रवक्ता गणित किसी पाखंड और किसी अस्पष्टता की इजाजत नहीं देता। मैंने हमेशा गणित का आनंद लिया है। वह किसी विचार को व्यक्त करने का सबसे सटीक और संक्षिप्त तरीका है। आत्मा से कवि बने बिना गणितज्ञ बनना असंभव है।
प्रवक्ता शिक्षा किसी के जीवन को बेहतर बनाने का एक हथियार है। यह सम्भवतः किसी के जीवन को बदलने का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है।।
प्रवक्ता कल जो था आज नहीं है। आज जो है कल न रहेगा।। जो भी संसार में जितना भी है। हर पल हर क्षण यह बदलेगा। देखे तो सम्पूर्ण जगत का बदला कोना कोना भी है। परिवर्तन तो होना ही है।
प्रवक्ता चरित्र मनुष्य का एक नैतिक गुण है। ये अच्छा और बुरा हो सकता है परन्तु मनुष्य बेहतर शिक्षा से खुद को सुसज्जित कर चरित्रवान बन सकता है।
प्रवक्ता भाग्य के दरवाजे पर सिर पिटने से बेहतर है। कर्म का तूफान पैदा कर सारे दरवाजे खुल जायेंगे।।
प्रवक्ता समय, शब्द और अवसर कभी वापस नहीं आते। अतः सफल होने के लिए, कड़ी मेहनत करें।।
प्रवक्ता विज्ञान मानयता के लिए सुन्दर उपहार है। हमें इसे विकृत नहीं करना चाहिए।
B.A.
Bachelor of Arts
Bachelor of Science
Bachelor of Commerce
Master of Art
Master of Science
College Code: 380081 Diploma in Elementary Education